जाप

महामृत्युंजय जाप

महामृलुजयजप बड़ा किठन एवं तकाल चमकिरेकफलदाता है। इसी मंज की सिद्धि प्राप्त करके शुक्राचार्य में वह शक्ति आ गयी थी कि वे मृतक को पुन: जीवत कर देते थे। फिर मरणासन और आपदशत की तो बात ही कया है। इनका नाम ही मृत्युंजय है । इनकी श्राद्ध विधि के साथ उपासना करने से दैहिक दैविक आदि भौतिक आदि सारे संकट टल जाते हैं। महामृत्युंजय की उपासना भगवान शंकर की उपासना का ही एक भेद है । सामान्य यह उपासना रोग आदि शांति के लए करते हैं, किंतु इससे सभी प्रकार के संकटों की निवृत्ति होती है होती है । जैसे राजभय - शत्रुभय- अभिचारभय - अप मृत्युभय - अग्निभय - सर्पभय - आदि समस्त भय दूर हेोते हैं । यदि विधानपूर्वक इनकी आराधना की जाये तो सभी प्रकार से जीवमात्र की रक्षा होती है। जप करने वाला व्यक्ति मन-वाणी-को संयम करता है !!