पूजन

नवग्रह शांति पूजन

नवग्रह शांति पूजन करने से ग्रहों की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि, मानसिक शांति, स्वास्थ्य में सुधार, और धन लाभ होता है। यह पूजा किसी भी व्यक्ति के कुंडली में ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करती है और जीवन की बाधाओं को दूर कर सफलता के मार्ग को प्रशस्त करती है।

लघु रुद्र पूजा

लघु रुद्र पूजा करने से मानसिक अशांति दूर होती है, जीवन में शांति और समृद्धि आती है, स्वास्थ्य में सुधार होता है, और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है, जिससे व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार की बाधाएं और दोष समाप्त होते हैं। यह पूजा आध्यात्मिक विकास में सहायक होती है और शिव की कृपा प्राप्त करने का एक शक्तिशाली तरीका है।

नामकरण पूजा

नामकरण पूजन हिंदू धर्म का एक पवित्र संस्कार है, जिसमें नवजात शिशु का शुभ और सार्थक नाम रखा जाता है, ताकि उसके व्यक्तित्व, स्वास्थ्य और भविष्य में शुभता, समृद्धि और सफलता आ सके। यह जन्म के बाद किया जाता है और इसमें मंत्रों का जाप, देवताओं की पूजा और आशीर्वाद प्राप्त करना शामिल होता है।

अन्नप्रासन पूजा

अन्नप्राशन पूजा एक हिंदू संस्कार है जो शिशु के जीवन में छठे महीने के आसपास आयोजित किया जाता है, जिसमें बच्चा पहली बार ठोस भोजन (आमतौर पर खीर) खाता है. यह बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां उसे शुद्ध और पौष्टिक आहार ग्रहण कराया जाता है. इस दौरान देवताओं से बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य और समृद्ध भविष्य के लिए प्रार्थना की जाती है.

नागबलि पूजन

कालसर्प दोष पूजन एक विशेष वैदिक विधि है जिसमें पंडितों द्वारा भगवान शिव और नागदेवता की आराधना की जाती है, और राहु-केतु की शांति के लिए मंत्रोच्चार व हवन किया जाता है। यह पूजा त्र्यंबकेश्वर या उज्जैन जैसे तीर्थस्थलों पर या घर पर भी की जा सकती है। इसमें शिवलिंग का रुद्राभिषेक, नाग गायत्री मंत्र का जाप और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप शामिल होता है।