वास्तु शांति पूजन

वास्तु शांति पूजन

जब भी हम नया घर, दुकान या भवन बनाते हैं, तो उस भूमि पर पेड़-पौधे, पत्थर, मिट्टी और अनेक जीव-जंतु प्रभावित होते हैं। इस कारण उस स्थान पर नकारात्मक ऊर्जा और वास्तु दोष उत्पन्न हो जाते हैं। इन दोषों के निवारण और घर में सुख, शांति एवं समृद्धि की स्थापना के लिए वास्तु शांति पूजन किया जाता है।

वास्तु शांति पूजन के माध्यम से नवग्रहों, पंचतत्वों और वास्तु देवता का आह्वान कर स्थान को पवित्र किया जाता है। यह पूजन परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और घर के सभी सदस्यों को सुख, स्वास्थ्य और सफलता प्रदान करता है।

वास्तु शांति पूजन का उद्देश्य

वास्तु शांति पूजन का मुख्य उद्देश्य घर या भवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना और सभी प्रकार के दोषों का निवारण करना है। जब हम नया घर बनाते हैं या किसी नए स्थान में प्रवेश करते हैं, तो निर्माण के दौरान भूमि की खुदाई, पेड़-पौधों की कटाई और कई जीवों के स्थान परिवर्तन से उस जगह की प्राकृतिक ऊर्जा प्रभावित होती है।

इन नकारात्मक प्रभावों को दूर करके, घर में सुख, शांति और समृद्धि की स्थापना के लिए यह पूजन किया जाता है। वास्तु शांति पूजन के माध्यम से वास्तु देवता, पंचतत्व (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) तथा नवग्रहों को प्रसन्न किया जाता है, जिससे घर में संतुलन और शुभता बनी रहती है।

यह पूजन घर के वातावरण को पवित्र बनाता है और परिवार के सभी सदस्यों को मानसिक शांति, स्वास्थ्य, समृद्धि एवं मंगल की प्राप्ति होती है।

वास्तु शांति पूजन के लाभ:

घर या भवन में सुख-शांति एवं समृद्धि का वास होता है।

सभी आठ प्रकार के दोषों (भौम, जल, वायु, अग्नि, आकाश आदि से जुड़े दोष) का नाश होता है।

नकारात्मक ऊर्जा और ग्रहदोषों से मुक्ति मिलती है।

पारिवारिक कलह, अशांति और आर्थिक रुकावटों का अंत होता है।

घर के सदस्यों को सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

निष्कर्ष

वास्तु शांति पूजन हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने वाला एक अत्यंत पवित्र और शुभ अनुष्ठान है। यह केवल एक धार्मिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा और ईश्वरीय आशीर्वाद स्थापित करने का माध्यम है। जब किसी नए घर, कार्यालय या भवन में प्रवेश किया जाता है, तो वास्तु शांति पूजन के द्वारा उस स्थान को पवित्र कर वहां की नकारात्मक शक्तियों का निवारण और सद्भाव, सौभाग्य एवं शांति का स्वागत किया जाता है।

इस पूजन के माध्यम से भगवान गणेश, वास्तु देवता और नवग्रहों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे परिवार में प्रेम, समृद्धि और स्वास्थ्य का वास होता है।

वास्तु शांति पूजन जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन, सफलता और आनंद प्रदान करता है।